मुस्लिमों ने अपने नए देश का नाम ""पाकिस्तान"" ही क्यों रखा ....?
/
0 Reviews
/
Write a Review
967 Views
क्या आप जानते हैं कि..... हमारे हिंदुस्तान से अलग होने के बाद ..... मुस्लिमों ने अपने नए देश का नाम ""पाकिस्तान"" ही क्यों रखा ....????
असल में..... "पाकिस्तान" शब्द का जनक ....सियालकोट का रहने वाला 'मुहम्मद इकबाल' था..... जो कि... जन्म से एक कश्मीरी ब्राह्मण था . परन्तु बाद में मुसलमान बन गया था ...!
ध्यान रहे कि....ये वही मुहम्मद इकबाल है.... जिसने प्रसिद्द सेकुलर गीत ........"सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा" .. लिखा है...!
और, इसी इकबाल ने अपने गीत में एक जगह लिखा है कि..... ""मजहब नहीं सिखाता ....आपस में बैर रखना"
परन्तु .......दूसरी तरफ इस इकबाल ने .........अपनी एक किताब " कुल्लियाते इकबाल " में अपने बारे में लिखा है....
"मिरा बिनिगर कि दर हिन्दोस्तां दीगर नमी बीनी ,बिरहमन जादए रम्ज आशनाए रूम औ तबरेज अस्त "
अर्थात... मुझे देखो......... मेरे जैसा हिंदुस्तान में दूसरा कोई नहीं होगा... क्योंकि, मैं एक ब्राह्मण की औलाद हूँ......लेकिन, मौलाना रूम और मौलाना तबरेज से प्रभावित होकर मुसलमान बन गया...!
कालांतर में यही इकबाल....... मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बन गया....
और, हैरत कि बात है कि...... जो इकबाल "सारे जहाँ से अच्छा हिदोस्तान हमारा" .. लिखा ...और, ""मजहब नहीं सिखाता ....आपस में बैर रखना"..... जैसे बोल बोले थे...
उसी दोगले इकबाल ने ....... मुस्लिम लीग खिलाफत मूवमेंट के समय ...... 1930 के इलाहाबाद में मुस्लिम लीग के सम्मलेन में कहा था .....
"हो जाये अगर शाहे खुरासां का इशारा ,सिजदा न करूं हिन्दोस्तां की नापाक जमीं पर "
यानि.... यदि तुर्की का खलीफा अब्दुल हमीद ( जिसको अँगरेजों ने 1920 में गद्दी से उतार दिया था ) इशारा कर दे...... तो, मैं इस "नापाक हिंदुस्तान" पर नमाज भी नहीं पढूंगा...!
बाद में...... इसी " नापाक" शब्द का विपरीत शब्द लेकर "पाक " से "पाकिस्तान " बनाया गया ...... जिसका शाब्दिक अर्थ है .....( मुस्लिमों के लिए ) पवित्र देश ...!
कहने का तात्पर्य ये है कि..... हिन्दू बहुल क्षेत्र होने के कारण.... मुस्लिमों को हिंदुस्तान ""नापाक"" लगता था.... इसीलिए... मुस्लिमों ने अपने लिए एक अलग देश की मांग की.... तथा, अपने तथाकथित पवित्र देश का नाम ... "पाकिस्तान"... रख लिया...!
अब इस सारी कहानी में.... समझने की बात यह है कि.......
जब एक कश्मीरी ब्राह्मण के .... धर्मपरिवर्तन करने के बाद.... अपने देश और अपनी मातृभूमि के बारे में सोच ... इतनी जहरीली हो सकती है....
तो, आज .... हिन्दुओं की अज्ञानता और उदासीनता का लाभ उठा कर ... जकारिया नाईक जैसे..... समाज के दुश्मनों द्वारा हजारो -लाखो हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करवाया जा रहा है..... उसका परिणाम कितना भयानक हो सकता है...????
ऐसे में मुझे एक मौलाना की वो प्रसिद्द उक्ति याद आ रही है.... जिसमे उसने कहा था कि....
देखिये, हमारे तो इतने इस्लामी देश हैं .... इसीलिए , अगर हमारे लिए जमीन तंग हो जाएगी तो ,,,हम किसी भी देश में जाकर कहेंगे " अस्सलामु अलैकुम " ......और, वह कहेगा " वालेकुम अस्सलाम " ..... साथ ही....हमें भाई समझ कर अपना लेगा .
लेकिन मैं... अपने हिन्दू भाई-बहनों से एक मासूम सा सवाल पूछना चाहता हूँ कि....... उनके राम-राम का जवाब देने वाला ... दुनिया में दूसरा कौन सा देश है...... ????
इसलिए, अब यह समय की मांग है कि..... अब मनहूस सेक्यूलरों के बहकावे से दूर होकर .... जकारिया नायक जैसे क्षद्म जिहादी और इस्लाम का पर्दाफाश करने में हर प्रकार का सहयोग करें ...... !
याद रखें कि.... अगर धर्म नहीं रहेगा तो देश भी नहीं रहेगा !
क्योंकि.... देश और धर्म का अटूट सम्बन्ध है ....
जिस तरह.... धर्म के लिए देश की जरुरत होती है ... ठीक उसी तरह..... देश की एकता के लिए भी धर्म की जरूरत होती है ...!
इसीलिए, अगर हमारे हिन्दुस्थान को बचाना है तो...... जाति और क्षेत्रवाद का भेद भूलकर ..... कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी... और कच्छ से लेकर असम तक के सारे हिन्दुओं को एक होना ही होगा...!
जय हिंदुत्व!
Featured Posts
कणाद ऋषि ने खोजा था गुरुत्वाकर्षण का नियम
-
Rani Padmavati ki kahani
-
Ashram
मोदी जी को उनके जन्म दिन पर उनकी माँ द्वारा गीता भेंट
discourse on Guru Purnima festival by maharaj ji
CM Mulayam singh at ashram
Geeta in education
Lalu Yadav at asrham
CM Akhilesh Yadav at Ashram
Rajnaath singh at Ashram