Yatharth Sandesh
09 Sep, 2017 (Hindi)
Books
ईशा के भारत प्रवास Jesus Lived in India
Sub Category: Bhakti Geet
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जर्मनी के होलगर क्रिस्टीन वह पहले लेखक थे, जिन्होंने लंबे समय तक इजरायल से लेकर भारत तक शोध किया और यह साबित किया कि इतिहास के किसी कालखंड में जीजस नामक कोई व्यक्ति कभी नहीं हुए। वह येशुआ थे, जिसकी उत्पत्ति संस्कृत के ईश या ईश्वर से हुयी थी।
जीजस के क्रूसेड की झूठी कहानी का भंडाफोड़ सबसे पहले रूसी नोटोविच ने किया, लेकिन 1895 में उनकी पुस्तक को बैन कर सेंटपिट्सबर्ग में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद अपनी शोध से क्रिस्टेन ने इसे और विस्तृत किया और पुस्तक का आकार दिया।
हिमालय की गुफाओं-कश्मीर से तिब्बत तक की यात्रा कर उन्होंने सबूत के साथ यह साबित किया कि ईशा ने सारा ज्ञान भारत से पाया और क्रूसेड के अधूरे झूठ के बाद वह भारत में ही आकर मृत्युपर्यन्त रहे।
क्रिस्टीन ने 1973 में यह खोज शुरू की और पुस्तक 'Jesus Live in India' पहली बार 1981 में प्रकाशित हुयी। अभी तक दुनिया की अधिकांश भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है, बस हिंदी को छोड़कर।
ईशा के भारत में होने को लेकर ओशो के प्रवचन, बीबीसी की डक्यूमेंट्री, हालिवुड सिनेमा, सीरियल, नेशनल ज्योग्राफी के डक्यूमेंटरी से लेकर 30 से अधिक पुस्तकें इसे ही आधार बनाकर लिखी गयी है। यह मूल है।
मैं यह पुस्तक अरसे से ढू़ंढ रहा था और मुझे यह मिली तो एक फुटपाथ पर! मैं पढ़ना शुरू कर चुका हूं। किताब बेहद रोमांचक और तथ्यों से भरी है। क्रिश्चियनिटी का कोई वजूद ही नहीं है। बस यह 'पॉलिज्म' है, सेंट पॉल का खड़ा किया वितंडावाद!
चूंकि हिंदी के ज्यादातर साहित्यकार और लेखक सेक्यूलर वामपंथी हैं, इसलिए हिंदी के पाठकों को अभी तक इससे महरूम रखा गया है। हद है!
खैर, आप भी खोजिए इसे और पढ़िये। सन् 2001 में इसका नया एडिशन आ चुका है!
आप सभी का आभार कि आप सभी चाहते हैं कि मैं हिंदी में ईशा के भारत प्रवास पर लिखूं। लेकिन मैं अभी एक साल केवल पढ़ना चाहता हूं ताकि उसके बाद अगले दो सालों में #कहानीकम्युनिस्टोंकी के बचे दोनों भाग लिखकर आपके सामने रख सकूं।
मैं इसीलिए चाहता हूं कि नयी पीढ़ी मेरे साथ आकर काम करे। मैं एक साथ इतने विषय पर कैसे लिख सकता हूं? साधारण इनसान हूं। आप सब साथ आइए तो अभियान आगे बढ़े। हां हिंदी का कोई अनुवादक सामने आए और पेंगुइन हिंदी से संपर्क कर होल्गर क्रिस्टीन की पुस्तक हिंदी में अनुवाद करने की इच्छा जाहिर करे तो वो मान जाएंगे और काम आसान हो जाएगा। नयी किताब लिखने की जरूरत ही नहीं है।
अभी कुछ मित्रों के बताया की amazon पर भी उपलब्ध है नीचे link दे रहा हूँ आप सबसे निवेदन है इससे पहले ख़त्म हो जाये कृप्या जरूर खरीद लें
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जीजस के क्रूसेड की झूठी कहानी का भंडाफोड़ सबसे पहले रूसी नोटोविच ने किया, लेकिन 1895 में उनकी पुस्तक को बैन कर सेंटपिट्सबर्ग में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद अपनी शोध से क्रिस्टेन ने इसे और विस्तृत किया और पुस्तक का आकार दिया।
हिमालय की गुफाओं-कश्मीर से तिब्बत तक की यात्रा कर उन्होंने सबूत के साथ यह साबित किया कि ईशा ने सारा ज्ञान भारत से पाया और क्रूसेड के अधूरे झूठ के बाद वह भारत में ही आकर मृत्युपर्यन्त रहे।
क्रिस्टीन ने 1973 में यह खोज शुरू की और पुस्तक 'Jesus Live in India' पहली बार 1981 में प्रकाशित हुयी। अभी तक दुनिया की अधिकांश भाषाओं में इसका अनुवाद हो चुका है, बस हिंदी को छोड़कर।
ईशा के भारत में होने को लेकर ओशो के प्रवचन, बीबीसी की डक्यूमेंट्री, हालिवुड सिनेमा, सीरियल, नेशनल ज्योग्राफी के डक्यूमेंटरी से लेकर 30 से अधिक पुस्तकें इसे ही आधार बनाकर लिखी गयी है। यह मूल है।
मैं यह पुस्तक अरसे से ढू़ंढ रहा था और मुझे यह मिली तो एक फुटपाथ पर! मैं पढ़ना शुरू कर चुका हूं। किताब बेहद रोमांचक और तथ्यों से भरी है। क्रिश्चियनिटी का कोई वजूद ही नहीं है। बस यह 'पॉलिज्म' है, सेंट पॉल का खड़ा किया वितंडावाद!
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मैं इसीलिए चाहता हूं कि नयी पीढ़ी मेरे साथ आकर काम करे। मैं एक साथ इतने विषय पर कैसे लिख सकता हूं? साधारण इनसान हूं। आप सब साथ आइए तो अभियान आगे बढ़े। हां हिंदी का कोई अनुवादक सामने आए और पेंगुइन हिंदी से संपर्क कर होल्गर क्रिस्टीन की पुस्तक हिंदी में अनुवाद करने की इच्छा जाहिर करे तो वो मान जाएंगे और काम आसान हो जाएगा। नयी किताब लिखने की जरूरत ही नहीं है।
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