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Yatharth Sandesh
30 Oct, 2017 (Hindi)
National

टीपू हिन्दू विरोधी था, मुझे टीपू जयंती जैसे कार्यक्रम में न बुलाएं – केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगडे

Sub Category: Bhakti Geet

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केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर टीपू सुल्तान को हिन्दू विरोधी और बर्बर हत्यारा बताते हुए राज्य में होने वाले टीपू जयंती से जुड़े कार्यक्रमों में निमंत्रित न करने को कहा है । कर्नाटक सरकार ने घोषणा की है कि, हर साल १० नवंबर को टीपू जयंती का आयोजन किया जाएगा ।

हेगडे के सौजन्य से मंत्री के निजी सचिव ने कर्नाटक के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है । पत्र में कहा गया है कि, इस बात को टीपू जयंती मना रहे राज्य के सभी विभागों के ध्यान में लाया जाना चाहिए । हेगड़े ने आगे कहा है कि, वह राज्य में टीपू जयंती मनाए जाने की निंदा करते हैं, क्योंकि टीपू हिन्दू विरोधी था । उसने मैसूर और कुर्ग में हजारों की बर्बर तरीके से हत्या करवा दी थी ।

कर्नाटक में हर साल टीपू जयंती को लेकर विवाद उठता रहा है । कर्नाटक सरकार का मानना है कि टीपू (जिन्हें ‘मैसूर के शेर’ के नाम से जाता है) ने प्रगतिशील मैसूर के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और राज्य को तकनीकी रूप से शक्तिशाली बनाया, जैसा कि, दूसरे राज्य नहीं कर पाए । वहीं आलोचकों का कहना है कि, टीपू ने श्रीरंगपट्टनम में कई हिन्दू पुजारियों की हत्या करवा दी थी । श्रीरंगपट्टनम टीपू की राजधानी थी और उन्होंने ऐसा ही अपने शासन के दौरान कोडागू में हमले के दौरान भी किया ।

इस विषय में कुछ सूत्र ध्यान में आता है..

प्रथम हम केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगडे जी का अभिनंदर करते है कि, उन्होंने क्रूरकर्मा की जयंती के कार्यक्रम में न जाने का निर्णय लिया ।

१. कर्नाटक की कांग्रेस सरकार हर साल हिन्दुआें का हत्यारा टीपू सुल्तान की जयंती धुमधाम से मनाती है । जिसका कर्इ हिन्दु संगठनों ने विरोध किया है । परंतु अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण तथा वोट बँक के लिए अंधी हो चुकी काँग्रेस सरकार को हिन्दुआें की भावनाआें की कोर्इ चिंता नही है ।

२. भारत की जनता पर क्रूरतम अत्याचार करनेवाले आक्रमणकारियों को महिमामंडित करने तथा इस देश की वीरता को नज़रअंदाज़ कर देश के युवा मन को प्रभावित करने का जो कार्य कुछ पक्षपाती और पूर्वाग्रही तथाकथित इतिहासकारों ने किया उसके गंभीर परिणाम ना भुगतने पडे ठस लिए अब सभी हिन्दुआें ने संगठित होकर टिपु का हो रहा उदात्तीकरण रोकना चाहिए ।

३. १० नवंबर को होनेवाले टीपू जयंती पर उलटा हिन्दुआें ने उसकी क्रूरता को सामने लाने हेतु विविध स्थानों पर व्याख्यान का आयोजन करना चाहिए ।

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