Yatharth Sandesh
13 Jun, 2025 (Hindi)
Ancient Bhartiya Culture
संस्कारित शिक्षा की महत्ता
Sub Category: Bhakti Geet
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एक शिक्षा में पला रावण अपने बड़े भाई का धन एवं पुष्पक विमान छीन लाया, अपने से बड़ों का कभी सम्मान नही किया, नाना ( माल्यवान), ससुर (मयदानव) आदि को अपशब्द बोलता था, भगवान् राम एवं लक्ष्मण को अपशब्द बोलता था| एक शिक्षा में राम लक्ष्मण आदि पले थे भरत को मिला राज्य बड़े भाई के चरणो में डाल दिया, एक घंटे बड़े होने के बाद भी कितना सयंम कितना प्रेम और अनुशासन दिखाई देता है यदि आज संस्कारित शिक्षा होती तो मनुष्य के अंदर मानवीय गुणों का विकास होता यही संस्कारित शिक्षा है जिससे सरकार को करोड़ों रुपये सुरक्षा में नहीं खर्च करने होते, किसी को मिलावट का सामान और नकली दूध नहीं पीना पड़ता| जितने भी अपराध होते हैं वह सब विकृत मानसिकता से ही होते हैं, संस्कारित शिक्षा मनुष्य को अपराध करने से रोकती है, यह दुर्भाग्य ही है कि हमने ऋषियों द्वारा प्रदत्त उस शिक्षा को पाठयक्रम में शामिल नहीं किया और केवल नये नये कानून के द्वारा समाज को सुशिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं
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