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Yatharth Sandesh
29 Jan, 2021(Hindi)
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आदि धर्मशास्त्र गीता

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मोह से संयुक्त मन में माया का निवास है। मोह रहित मन ही सुख की खान बन जाता है। अब यह आपके ऊपर निर्भर है कि आप परमात्मा से प्रेम करें जो सुख का हेतु है या मोहवश मान-सम्मान अहंकार आदि विकारों से जो दुख का हेतु हैं।

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