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यदि गीता को धर्मशास्त्र के रूप मैं मान्यता मिल जाती है !
अनेकांे धार्मिक संस्थाओं द्वारा भ्रामक प्रचार करके लोगों को गुमराह करने का अवसर नहीं मिलेगा, क्योंकि गीता एक धर्म का बोध कराती है।
जिन कारणों से मानव-मानव के बीच मतभेद जनित दूरियां बढ़ी हैं, वह सदैव के लिए समाप्त हो जाएगी।
सम्पूर्ण मानव जाति एक ईश्वर की संतान है गीता इसका भली प्रकार बोध करा कर भेदभाव से उत्पन्न अनेकों प्रकार के संघर्ष से होने वाली विभिन्न प्रकार की क्षति में विराम लगा देगी।… More »
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अस्सी के दशक में भारत में पहली बार #रामयण जैसे हिन्दू धार्मिक सीरियलों का दूरदर्शन पर प्रसारण शुरू हुवा
और नब्बे के दशक आते आते #महाभारत ने ब्लैक एंड वाईट टेलीविजन पर अपनी पकड मजबूत कर ली ।
जब रविवार को DD1 पर रामायण शुरू होता था तो देश की गलियां सुनी हो जाती थी ।
अपने आराध्य को टीवी पर देखने की ऐसी दीवानगी थी की रामायण सीरियल में राम बने अरुण गोविल अगर सामने आ जाते तो लोगों में… More »
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परम्पराएं मनुष्य को तोड़ती हैं, धर्म मनुष्य को जोड़ता है । - स्वामी बज्रानन्द More »
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मुहम्मद साहब ने जिसे धर्म बताया , उधर किसी का ध्यान ही नहीं है |
मुहम्मद साहब ने जिसे धर्म बताया , उधर किसी का ध्यान ही नहीं है | उन्होंने कहा कि जिस पुरुष का एक भी स्वास् उस खुदा के नाम के बगैर खाली जाता है , उससे खुदा कयामत में वैसे ही पूछता है , जैसे किसी पापी से पाप के बदले में पूछा जाए | जिसकी सजा है हमेशा हमेशा के लिए दोजख | कितने सच्चे मुसलमान हैं , जिनका एक भी श्वास खाली न जाता हो ? करोड़ों में कदाचित ही कोई हो | शेष तो सभी के स्वाश खाली ही जाते हैं , जिसकी… More »
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If the Geeta should be recognised as the scripture of Humankind.
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