एक बार अकबर बीरबल हमेशा की तरह टहलने जा रहे थे! रास्ते में एक तुलसी का पौधा दिखा .. मंत्री बीरबल ने झुक कर प्रणाम किया ! अकबर ने पूछा कौन हे ये ? बीरबल -- मेरी माता हे ! अकबर ने तुलसी के झाड़ को उखाड़ कर फेक दिया और बोला .. कितनी माता हैं तुम हिन्दू लोगो की ...! बीरबल ने उसका जबाब देने की एक तरकीब सूझी! .. आगे एक बिच्छुपत्ती (खुजली वाला ) झाड़ मिला .. बीरबल उसे दंडवत…
अस्सी के दशक में भारत में पहली बार #रामयण जैसे हिन्दू धार्मिक सीरियलों का दूरदर्शन पर प्रसारण शुरू हुवा और नब्बे के दशक आते आते #महाभारत ने ब्लैक एंड वाईट टेलीविजन पर अपनी पकड मजबूत कर ली । जब रविवार को DD1 पर रामायण शुरू होता था तो देश की गलियां सुनी हो जाती थी । अपने आराध्य को टीवी पर देखने की ऐसी दीवानगी थी की रामायण सीरियल में राम बने अरुण गोविल अगर सामने आ जाते तो लोगों में…
जर्मनी के होलगर क्रिस्टीन वह पहले लेखक थे, जिन्होंने लंबे समय तक इजरायल से लेकर भारत तक शोध किया और यह साबित किया कि इतिहास के किसी कालखंड में जीजस नामक कोई व्यक्ति कभी नहीं हुए। वह येशुआ थे, जिसकी उत्पत्ति संस्कृत के ईश या ईश्वर से हुयी थी। जीजस के क्रूसेड की झूठी कहानी का भंडाफोड़ सबसे पहले रूसी नोटोविच ने किया, लेकिन 1895 में उनकी पुस्तक को बैन कर सेंटपिट्सबर्ग में उन्हें गिरफ्तार कर लिया…
ग़ुलाम वंश दिल्ली में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1206 ई. में स्थापित किया गया था. यह वंश 1290 ई. तक शासन करता रहा. इसका नाम ग़ुलाम वंश इस कारण पड़ा कि इसका संस्थापक और उसके इल्तुतमिश और बलबन जैसे महान उत्तराधिकारी प्रारम्भ में ग़ुलाम अथवा दास थे और बाद में वे दिल्ली का सिंहासन प्राप्त करने में समर्थ हुए. कुतुबुद्दीन 1206-10 ई. मूलत: शहाबुद्दीन मोहम्मद ग़ोरी का तुर्क दास था और 1192 ई. के ‘तराइन…