बड़ी पोल खोल : वामपंथियों ने मुर्ख बनाया पुरे भारत को, अकबर नहीं था हुमायूँ का पुत्र
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अकबर को वामपंथी इतिहासकार हुमायूँ का पुत्र बताते है ठीक है अकबर का जन्म हुआ 15 अक्टूबर 1542 को उमरकोट में जो की आज पाकिस्तान के सिंध में है ये इलाका उस समय भारत में ही था और 1542 में इस इलाके के राजा थे वीरसाल * वीरसाल हिन्दू राजा थे हुमायूँ दिल्ली में राज कर रहा था, जहाँ उसका युद्ध शेरशाह सूरी से हुआ इस युद्ध को "चौसा का युद्ध" कहते है इस युद्ध में शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को हराया और दिल्ली पर शेरशाह सूरी ने शासन किया ये युद्ध हुआ था 1539 में, और युद्ध का स्थान था बिहार का बक्सर 1540 में युद्ध ख़त्म हुआ और हुमायूँ दिल्ली छोड़कर पहले अफगानिस्तान वाले इलाके और फिर ईरान भाग गया
हुमायूँ ने अपनी 6 बीवियों और महत्व्यपूर्ण रिश्तेदारों को राजा वीरसाल के पास छोड़ दिया वीरसाल और हुमायूँ में मैत्री सम्बन्ध थे, अपनी महिलाओं को वीरसाल के पास छोड़ 1540 में हुमायूँ ईरान भाग गया और 15 साल तक हुमायूँ ईरान में रहा जबकि उसकी पत्नी हमीदा बानू बेगम राजा वीरसाल के राज्य में सिंध में रही 1540 में हुमायूँ अपनी पत्नी से दूर हुआ और उसके 2 साल बाद यानि 1542 में 15 अक्टूबर को अकबर का जन्म हुआ, साफ़ होता है की अकबर हुमायूँ का पुत्र हो ही नहीं सकता या तो वो वीरसाल के राज्य में किसी हिन्दू का पुत्र था, या मुमकिन है की वो हमीदा बेगम के ही किसी करीबी का पुत्र था, जो हमीदा के साथ राजा वीरसाल के राज्य में रहता हो (कदाचित अंगरक्षक, या सेवादार) पर हमारे वामपंथी इतिहासकारों ने इस तथ्य को बिलकुल छुपा ही लिया, 1540 के बाद अकबर का जन्म 1541 में भी हुआ होता तो माना जा सकता था की जब हुमायूं अपनी पत्नी से दूर हुआ तो उसकी पत्नी गर्भवती थी पर अकबर का जन्म अक्टूबर 1542 में हुआ मुमकिन ही नहीं की अकबर हुमायूँ का पुत्र हो