15 दिन लगातार करीपत्ता खा लिया तो फायदे जानकर आप दंग रह जाएंगे
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मीठी नीम यानी कड़ी पत्ते में अनेको गुण समाये हैं आज हम कुछ विशेष गुण जैसे उच्च रक्तचाप, एक्जिमा, मर्दाना कमज़ोरी आदि में इसके उपयोग की विधि बता रहे हैं।
मीठा नीम मुख्यत हिमालयी क्षेत्र को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में पाया जाता हैं। ये एक सदाबहार झाड़ीदार पेड़ हैं, और इसीलिए सदाबहार वनो में बहुतायत पाया जाता हैं। इसको कड़ी में स्वस्थ्य बढ़ाने के लिए डाला जाता हैं, जिस कारण इसको कढीपत्ता भी कहा जाता हैं। ये छोटे गमलो में घर पर भी लगाया जा सकता हैं। एक परिवार की ज़रूरत के अनुसार इसको घर पर लगा लेना चाहिए।
इसमें पाये जाने वाले गुणों के कारण इसको हर सब्जी में डाला जाता हैं। इसकी पत्तियों में विशिष्ट प्रकार की सुगंध आती हैं। इन पत्तो में एसेंशियल ऑयल्स होते हैं जिनमे मुरया सायनिन और कैरियोफायलिन प्रमुख हैं।
आइये जाने इस मीठी नीम यानी कढीपत्ते के 8 चमत्कारिक फायदे।
1. रक्तचाप नियंत्रित रखने हेतु।
उच्च रक्तचाप वाला व्यक्ति हर रोज़ ७-८ पत्ते हर रोज़ सुबह चबा चबा कर खाए तो उसका रक्तचाप नियंत्रित रहता हैं।
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2. एंटीऑक्सीडेंट
ये पत्तिया शाम के समय चबाने से शरीर में विशिष्ट प्रकार की स्फूर्ति तथा उत्तेज़ना का संचार होता हैं। एक प्रकार से ये प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट की भाँती प्रभाव देता हैं।
3. पेचिश – आंव में।
अगर आपको दस्त की समस्या हो गयी हैं तो कड़ी पत्ते की कुछ मात्रा जल में हलके से उबालकर उस जल को पीने से तुरंत लाभ होता हैं।
4. अतिसार में।
अतिसार में इसके ताज़े हरे पत्तो का अर्क बहुत लाभदायक हैं।
5. एक्जिमा और घावों में।
कड़ी पत्ता के बीज का तेल उत्तम कीटनाशक होता हैं, अत: एक्जिमा ठीक करने में अथवा घावों को सुखाने में यह अत्यंत लाभदायक रहता हैं। इस हेतु इसको लुग्धी बना कर घावों पर लगाया जाता हैं।
6. नेत्र रोगो में।
नेत्रों की ज्योति बढ़ाने हेतु अथवा रतौंधी की समस्या होने पर मीठा नीम की पत्तियों का चूर्ण २ ग्राम मात्रा नित्य जल से ग्रहण करने से परम लाभ होता हैं। इस हेतु इन पत्तियों को छाया में सुखाकर फिर पीसा जाता हैं। ये चूर्ण जल्दी खराब नहीं होता और काफी समय तक सुरक्षित रहता हैं।
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7. शु*क्रा*णुवर्द्ध*न हेतु।
जिन व्यक्तियों के वीर्य में शुक्रा*णु की संख्या कम होती हैं, उन्हें सन्तानो*त्पत्ति का योग निर्मित होने में कठिनाई आती हैं। ऐसे व्यक्तियों को मीठा नीम की छाल के चूर्ण की एक ग्राम मात्रा शहद के साथ लेने से लाभ होता हैं। इसे दिन में एक बार सुबह के समय लेना चाहिए।
कड़ी पत्ता के पौधे की छाल का चूर्ण १ ग्राम अथवा इसकी जड़ का चूर्ण 1 ग्राम, दूध में प्रयाप्त औटाकर मिश्री मिला कर पीने से यौ*न उत्ते*जना में वृद्धि होती हैं, साथ ही शरीर भी पुष्ट होता हैं।