2-2 दीनार में हुई हिन्दू महिला नीलाम, क्यूंकि बंटा हुआ था हिन्दू, और आज भी नहीं सुधरा
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खैर हम बात कर रहे है बाबर से कहीं पहले गज़नी के ज़माने की 17 बार में गज़नी 4 लाख हिन्दू महिलाओं को अफगानिस्तान ले गया, और वहां उनको नीलाम किया गया, बहुत सी महिलाओं ने आत्महत्या भी की आज भी गज़नी में एक स्तम्भ है जिसपर लिखा है 'दुख्तरे हिन्दोस्तान, नीलामे दो दीनार' इसका मतलब है "ये है वो जगह जहाँ पर हिंदुस्तान से लायी गयी (हिन्दू औरते) 2-2 दीनार में बेचीं गयी" हर बार गज़नी भारत आता रहा, गज़नी ही नहीं और भी अन्य हमलावर भारत आते रहे कुछ यही रह गए जैसे मुग़ल इत्यादि, और कुछ वापस चले गए जैसे गज़नी, अब्दाली इत्यादि ये तमाम दरिंदे अपने साथ हिन्दू महिलाओं को ले जाते रहे और उन्हें बेचते रहे और ऐसा इसलिए होता रहा क्यूंकि हिन्दू जातिवाद में इतनी बुरी तरह बंटा हुआ था की कोई भी हिन्दू राजा दूसरे की मदद को कभी आता ही नहीं था और 4 लाख से अधिक औरतों को इसी वजह से अफगानिस्तान, ईरान में बेचा गया
खैर हम बात कर रहे है बाबर से कहीं पहले गज़नी के ज़माने की 17 बार में गज़नी 4 लाख हिन्दू महिलाओं को अफगानिस्तान ले गया, और वहां उनको नीलाम किया गया, बहुत सी महिलाओं ने आत्महत्या भी की आज भी गज़नी में एक स्तम्भ है जिसपर लिखा है 'दुख्तरे हिन्दोस्तान, नीलामे दो दीनार' इसका मतलब है "ये है वो जगह जहाँ पर हिंदुस्तान से लायी गयी (हिन्दू औरते) 2-2 दीनार में बेचीं गयी" हर बार गज़नी भारत आता रहा, गज़नी ही नहीं और भी अन्य हमलावर भारत आते रहे कुछ यही रह गए जैसे मुग़ल इत्यादि, और कुछ वापस चले गए जैसे गज़नी, अब्दाली इत्यादि ये तमाम दरिंदे अपने साथ हिन्दू महिलाओं को ले जाते रहे और उन्हें बेचते रहे और ऐसा इसलिए होता रहा क्यूंकि हिन्दू जातिवाद में इतनी बुरी तरह बंटा हुआ था की कोई भी हिन्दू राजा दूसरे की मदद को कभी आता ही नहीं था और 4 लाख से अधिक औरतों को इसी वजह से अफगानिस्तान, ईरान में बेचा गया