अब इलाहाबाद का नाम होगा प्रयागराज, भारत में मुघलों के नाम होनेवाले अन्य स्थलोंके भी नाम कब बदलेंगे ?
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद में कुंभ की चर्चा पर बात करते करते एक और चर्चा चल पड़ी जिसके तहत इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो सकता है । बता दे कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा इलाहाबाद को प्रयागराज कहकर ही संबोधित करते थे । इसी दौरान उन्हें यह सुझाव दिया कि, आप इलाहाबाद का नामकरण प्रयागराज क्यों नहीं कर देते ? इससे समुचित अवसर और कब हो सकता है, जब राज्य से लेकर केंद्र तक आपकी ही सरकार है । वह मुस्कुराए और बोले सुझाव अच्छा है । इस पर जरूर विचार किया जाएगा ।
कई मौकों पर योगी जी ने इस बात उल्लेख किया कि, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने का सुझाव आया है । आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के नेतृत्व में मुख्यमंत्री कार्यालय आए २८ साधु-संतों ने भी इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की मांग रखी है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें भी आश्वासन दिया है । पूरी संभावना है कि, आगामी कुंभ मेले से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो जाएगा । इस तरह तीर्थराज प्रयाग का प्राचीन गौरव और गरिमा उसी रूप में और बढ़ जाएगी, जैसी वेदों-पुराणों, महाकाव्यों में वर्णित है । अब इलाहाबाद प्रयागराज के नाम से जाना जाएगा ।
बता दे कि, भारत में कर्इ एेसे जगह है जो अपने प्राचीन नाम से नही बल्की मुघल आक्रांताआें के नाम से जाने जाते है । पिछले कुछ वर्षों से अलग-अलग हिन्दु संगठन एवं दलों ने मुघल आक्रांताआें के नाम बदलकर प्राचीन नाम फिरसे रखने की मांग उठार्इ है । परंतु जिस गति से यह काम होना चाहिए था उस गति से नही हो रहा है । जिन्होने भारत पर आक्रमण करके भारत की प्राचीन धरोहर को नष्ट किया, मंदिर लुटे, हिंन्दुआें की हत्या की, धर्मांतरण किया, महिलाआेंपर बलात्कार किया, उन लुटेरों के नाम से आज भी जादातर जगह, रेल स्टेशन जाने जाते है ।
आज कुछ पश्चिमी देश एेसे है जिन्होंने किसी की गुलामी में कर्इ वर्ष निकालें किंतु स्वतंत्रता मिलने के पश्चात आक्रमकों का कोर्इ नामो निशान अपनी धरती पर नहीं रखा है । दुसरी आेर हमारे भारत का इतिहास काफी प्राचीन है । यह भूमि ऋषी-मुनी, देवी-देवताआें के स्पर्श से पावन है । एेसे भारत भूमीपर क्रूर मुघलों ने आक्रमण कर अपनी सत्ता बनार्इ थी । किंतु स्वतंत्रता के पश्चात हमारी किसी भी सरकार ने उनका अस्तित्व मिटाने का प्रयास नहीं किया है । साथ ही भारतीय जनता ने भी इसके लिए कुछ प्रयास नहीं किए है ।
आज सत्ता में हिन्दुत्वनिष्ठ सरकार अस्तित्व में है, तो सरकार ने स्वयं की भारत के सभी मुघलों का नाम होनेवाले स्थलों का नाम बदलना चाहिए, एेसी हिन्दुआेंकी अपेक्षा है।