मध्य प्रदेश : शिवराज सरकार टीवी और सोशल साइट्स को मानती है बलात्कार का जिम्मेदार, जल्द ही लगेगा प्रतिबंध
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December 17, 2017
अश्लीलता परोसनेवाले टीवी और सोशल साइट्स प्रतिबंध लगाना आवश्यक ही है परंतु इतना काफी नही है । पश्चिमी संस्कृती का अनुकरण करने से समाज में अनैतिकता बढी है । इसलिए आज बलात्कार जैसी गंभीर समस्या भारत की महिलाआें को सता रही है । समाज में धर्मशिक्षा का अभाव होने के कारण एेसी स्थिती निर्माण हुर्इ है । इसलिए सभी ने धर्माचरण कर हमारी प्राचीन संस्कृती को संजोए रखना आवश्यक है । यदि एेसा हुआ तो ही समाज का नैतिक अध:पतन रूक सकता है । – सम्पादक
मु्ख्यमंत्री शिवराज सिंह
मध्य प्रदेश में बलात्कार की घटनाएं रुके न रुके, कानून बनते जा रहे हैं ! पहले बलात्कार के मामले में फांसी का कानून, बलात्कार पीड़ितों को गन लाइसेंस देने का प्रस्ताव और अब टीवी-सोशल साइट्स पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव !
दरअसल, जन सुरक्षा अधिनियम के तहत अश्लीलता परोसनेवाले टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है। सरकार इसे बलात्कार रोकने के लिए कारगर उपाय मान रही है !
प्रदेश में महिला अपराधों के नंबर १ होने के मामले में भले ही सरकार १०० प्रतिशत एफआयआर होने का तर्क देती है, परंतु हकीकत ये है कि, प्रदेश में महिलाएं खौफ में हैं।
मु्ख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि, इस तरह के अपराधों के लिए साइबर क्राइम और इंटरनेट काफी हद तक ज़िम्मेदार है !
मध्य प्रदेश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र सरकार हाल फिलहाल में कुछ कानून बना रही है और कुछ पर विचार चल रहा है। जिनमें,१२ साल से कम उम्र की बच्ची से सामुहिक बलात्कार पर फांसी की सज़ा का प्रावधान – कानून पर राष्ट्रपति कि मुहर बाकी
बलात्कार पीडिताओं को गन लायसेंस देने में प्राथमिकता – महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रस्ताव लंबित
टीवी चैनल्स और सोशल साइट्स पर बैन का प्रस्ताव – गृह विभाग का प्रस्ताव लंबित
हालांकि ये सवाल जरूर है कि, जो कानून अमल में आते ही नहीं, सरकार उनपर वाहवाही बटोर चुकी है। ऐसे में बलात्कार रोकने के उपाय अमल में आएंगे या फिर दावों में सिमट कर रह जाएंगे ये बड़ा सवाल है !
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है और उसके लिए जो कानून बनाने होंगे सरकार बनाएगी।
स्त्रोत : न्यूज 18