ग़ुलाम वंश दिल्ली में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1206 ई. में स्थापित किया गया था. यह वंश 1290 ई. तक शासन करता रहा. इसका नाम ग़ुलाम वंश इस कारण पड़ा कि इसका संस्थापक और उसके इल्तुतमिश और बलबन जैसे महान उत्तराधिकारी प्रारम्भ में ग़ुलाम अथवा दास थे और बाद में वे दिल्ली का सिंहासन प्राप्त करने में समर्थ हुए. कुतुबुद्दीन 1206-10 ई. मूलत: शहाबुद्दीन मोहम्मद ग़ोरी का तुर्क दास था और 1192 ई. के ‘तराइन…
मुहम्मद साहब ने जिसे धर्म बताया , उधर किसी का ध्यान ही नहीं है | उन्होंने कहा कि जिस पुरुष का एक भी स्वास् उस खुदा के नाम के बगैर खाली जाता है , उससे खुदा कयामत में वैसे ही पूछता है , जैसे किसी पापी से पाप के बदले में पूछा जाए | जिसकी सजा है हमेशा हमेशा के लिए दोजख | कितने सच्चे मुसलमान हैं , जिनका एक भी श्वास खाली न जाता हो ? करोड़ों में कदाचित ही कोई हो | शेष तो सभी के स्वाश खाली ही जाते हैं , जिसकी…
_*"आखिर यह भी तो नहीं रहेगा।"*_ _एक फकीर अरब में हज के लिए पैदल निकला। रात हो जाने पर एक गांव में शाकिर नामक व्यक्ति के दरवाजे पर रूका। शाकिर ने फकीर की खूब सेवा किया। दूसरे दिन शाकिर ने बहुत सारे उपहार दे कर विदा किया। फकीर ने दुआ किया -"खुदा करे तू दिनों दिन बढता ही रहे।"_ _सुन कर शाकिर हंस पड़ा और कहा -"अरे फकीर! जो है यह भी नहीं रहने वाला है"। यह सुनकर फकीर चला गया ।_ _दो वर्ष…