साइबर आक्रमण से बचने के लिए रूस ने कम्प्यूटर्स और सर्वर रूम में किया ‘पवित्र जल’ का छिड़काव
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भारत में यदि हिन्दुआें के धर्मगुरु, संत इन्होंने एेसी कृती की होती, तो उन्हें पुरोगामीयोंद्वारा ‘सनातनी’, ‘पुराने विचार के’ एेसा कहा जाता !
कोर्इ समस्या का कारण क्या आध्यात्मिक है ? यह जानने की तथा उसपर उपाय करने की शक्ति हिन्दु संतों में तथा उन्नतो में है। उनका लाभ लेकर यदि देशकी समस्याआेंपर उपाय किया होता, तो भारत विश्वका अधिक सुरक्षित, संपन्न एवं शांतिप्रिय देश होता !
ऐसे समय में जब ब्रिटेन की सरकारी स्वास्थ्य सेवा, निगम और सरकारी एजेंसियां साइबर हमले रेनसमवेयर से बुरी तरह प्रभावित है, और इससे निपटने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं। रूस में इस तरह के साइबर अटैक से बचने के लिए एक धार्मिक उपाय का सहारा लिया गया है। रूस में ऑर्थोडोक्स चर्च के पादरी सरकार के अहम कम्प्यूटरों और सर्वर रूम में पवित्र जल का छिड़काव कर रहे हैं। ताकि इन कम्प्यूटरों को रेनसमवेयर के अटैक से बचाया जा सके। लंदन में हुए साइबर हमले के बाद रूस के आतंरिक मामलों के मंत्रालय ने ऑर्थोडोक्स चर्च के पादरी को मंत्रालय बुलवाया और मंत्रालय के कम्प्यूटरों और सर्वर रूम में पवित्र जल का छिड़काव कराया।
अंग्रेजी वेबसाइट heatst.com के अनुसार, रूस की सोशल मीडिया में इन दिनों कई तस्वीरें छाई हुईं हैं। इन तस्वीरों में चर्च के मुख्य पादरी कम्प्यूटर और सर्वर रूम पवित्र जल छिड़कते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को ट्वीटर पर @EnglishRussia1 नाम के हैंडल से शेयर किया गया है। इस शख्स ने लिखा है कि, रूस के ऑर्थोडोक्स चर्च के पादरी ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि, रूस के कम्प्यूटरों पर वायरस हमले का कोई असर ना हो।
बता दें कि, रूस में चर्च सत्ता का एक अहम केन्द्र है। और चर्च के सरकार से नजदीकी संबंध हैं। इस चर्च के नेता किरिल को रूस में वही ताकत और सम्मान प्राप्त है और वेटिकन चर्च के पोप को है। इस चर्च ने एक बार रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को ईश्वर का चमत्कार बताया था। बता दें कि, रूस में ये एक प्रथा भी है कि, वहां चर्च के पादरी कम्प्यूटर और मॉर्डन साइंस के मशीनों को अपना आशीर्वाद देते हैं।
स्त्रोत : जनसत्ता
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