पिछले कुछ दिनों से पद्मावती मूवी पे घमासान मचा हुआ है । राजपूती शान का प्रतीक बनाकर कुछ लोग अपनी रोटियां भी सेक रहे है कुछ जातिवादी भी अपना मतलब सिद्ध करने और खुद को चमकाने में लग गए है लेकिन किसी भी राजपूत या किसी हिन्दू ने अभी तक ये कोसिस नही की जिस रानी पद्मिनी को सिर्फ मालिक मोहम्मद जायसी रचित "महाकाव्य पद्मावत" का एक काल्पनिक चरित्र बताया जा रहा…
(नवंबर १९०८ - १९ जुलाई १९६५) भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। बटुकेश्वर दत्त को देश ने सबसे पहले 8 अप्रैल 1929 को जाना, जब वे भगत सिंह के साथ केंद्रीय विधान सभा में बम विस्फोट के बाद गिरफ्तार किए गए। उन्होनें आगरा में स्वतंत्रता आंदोलन को संगठित करने में उल्लेखनीय कार्य किया था।
अनेकांे धार्मिक संस्थाओं द्वारा भ्रामक प्रचार करके लोगों को गुमराह करने का अवसर नहीं मिलेगा, क्योंकि गीता एक धर्म का बोध कराती है। जिन कारणों से मानव-मानव के बीच मतभेद जनित दूरियां बढ़ी हैं, वह सदैव के लिए समाप्त हो जाएगी। सम्पूर्ण मानव जाति एक ईश्वर की संतान है गीता इसका भली प्रकार बोध करा कर भेदभाव से उत्पन्न अनेकों प्रकार के संघर्ष से होने वाली विभिन्न प्रकार की क्षति में विराम लगा देगी।…